इन सफेद जहरों को छोड़ दोगे, तो नहीं होगी कभी किडनी खराब

किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट पदार्थ उत्पादों से रक्त को छानने के लिए जिम्मेदार है। शरीर के सभी टॉक्सिन्स हमारे ब्लैडर में चले जाते हैं और यूरीन की रूप में निकल जाते हैं। लाखों लोग विभिन्न प्रकार की किडनी बीमारियों के साथ जी रहे हैं और उनमें से अधिकांश को इसकी जानकारी नहीं है। यही कारण है कि किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है। किडनी खराब होने के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि ज्यादातर लोगों को बीमारी बढ़ने तक कोई फर्क महसूस नहीं होता। जब चोट, उच्च रक्तचाप या मधुमेह के कारण किडनी खराब हो जाती है, तो यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने में असमर्थ होता है, जिससे जहर का निर्माण होता है। ऐसे में किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती और टॉक्सिन्स जमा हो सकते हैं।

इसके अलावा किडनी रोगियों को किसी भी आहार, योग और किसी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन अपने अनुसार नहीं करना चाहिए। इसके लिए आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। कई संस्थाएं आयुर्वेदिक तरीके से इसका इलाज कर रही हैं और लोग उनकी दवाओं से ठीक भी हो रहे हैं। ऐसी ही एक संस्था है नवग्रह आश्रम। भीलवाड़ा जिले के रायला गांव के पास मोती बोर का खेड़ा स्थित नवग्रह आश्रम कैंसर सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

किडनी खराब करने में सहयोगी सफेद जहर कौन से है?

1. मानसून के दौरान आमतौर पर नदियों और कई नालों का पानी समुद्र में जा कर बहता है और साथ ही सभी कचरों का समूह भी उसमे समाहित होता है । सितंबर-अक्टूबर में पानी कम होने, वाष्पीकरण के बाद नमक के सफेद कण जमीन पर रह जाते हैं। पोखर के चारों ओर नमक का एक विशाल ढेर जमा हो जाता है। जिसे डिब्बाबंद कर हम अपने घरों में इस्तेमाल करते है। किडनी को खराब करने ये नमकअपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी जगह आप काला नमक या सेंधा नमक का इस्तेमाल करना शुरू कर दें।

2. आप शायद रिफाइंड तेल के बारे में नहीं जानते हैं, इसलिए बेझिझक इसका इस्तेमाल कर रहे है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह रिफाइंड तेल आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। रिफाइनिंग के लिए, तिलहन को 200-500 डिग्री सेल्सियस के बीच कई बार गर्म किया जाता है और घातक पेट्रोलियम उत्पाद हेगन का उपयोग बीजों से 100% तेल निकालने के लिए किया जाता है, और कई खतरनाक रसायन जैसे कास्टिक सोडा, फॉस्फोरिक एसिड, ब्लीचिंग क्लींजर आदि उपयोग होते हैं। हानिकारक और खराब चीजों से निकालता ये तेल इसलिए गंधहीन, बेस्वाद और कैंसर का कारण बनता है।

आज ही से सरसों या मूँगफली किसी भी प्रकार का तेल कच्ची ढाणी से निकलवाकर ही उपयोग में ले। एक मात्र कच्ची ढाणी का तेल ही शरीर के लिए फायदेमंद है।

किडनी विफलता के लक्षण और लक्षण क्या हैं?

किडनी शरीर का ऐसा अंग है जिसका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। जब आपकी किडनी स्वस्थ रहती है, तो आपका बाकी शरीर भी स्वस्थ रहता है। अगर आपको अपने शरीर में कुछ बदलाव नज़र आते हैं तो आपको उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। किडनी की विफलता के साथ आने वाले लक्षण हैं:-

→पेट और कमर में असहनीय दर्द होना
→पेट में गाँठ या पेट का बढना
→यूरिन में ब्लड होना
→यूरिन रिलीज़ होने में परेशानी होना
→हल्का बुखार बने रहना
→हमेशा सिर दर्द होना
→यूरिन की नली में संक्रमण होना
→कमर में बहुत ज्यादा दर्द होना

किडनी खराब होने का कारण क्या है?

किडनी विफलता तब होती है जब अंग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है। इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:-

1. किडनी में रक्त का प्रवाह कम होना: यदि किडनी में अचानक रक्त की हानि होती है या रक्त का प्रवाह रुक जाता है तो यह किंडनी की विफलता को बढ़ावा देता है।इसके साथ अन्य स्थितियां भी हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं: दिल का दौरा, हृदय रोग, जलन, एलर्जी, गंभीर संक्रमण, लिवर की विफलता।

2. यूरीन की समस्या : हमारा शरीर विषाक्त और अम्लीय पदार्थों को यूरीन के रूप में शरीर से बाहर निकाल देता है। लेकिन जब यूरीन शरीर में जमा होने लगता है और बाहर नहीं निकल पाता है तो यह किडनी पर दबाव बनाता है और इसे ओवरलोड कर देता है। इससे किडनी फेल हो सकती है और यहां तक ​​कि किसी तरह का कैंसर भी हो सकता है।

पाठक अधिक जानकारी के लिए श्री नवग्रह आश्रम, मोती बोर का खेड़ा, रायला, जिला भीलवाड़ा सम्पर्क कर सकते हैं। श्री नवग्रह आश्रम आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर उपचार की अग्रणी संस्था है। श्री नवग्रह आश्रम अब तक विभिन्न बीमारियों के 55 हज़ार से अधिक रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ठीक कर चुका है।

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें +91 84484 49569

कैंसर जागरूकता कार्यक्रम, कौन से लक्षण किडनी कैंसर से पहले देखे जाते हैं?

दुनिया की लगभग 10 प्रतिशत आबादी में किडनी की बीमारियाँ आम हैं। बड़ी संख्या में पीड़ितों के पास अभी तक एक विकसित स्वास्थ्य प्रणाली नहीं है।

ज्यादातर लोग जिन्हें किडनी का कैंसर है, वे लक्षणों को नजर अंदाज़ कर देते हैं। संकेतों को नोटिस नहीं करने के कारण रोग एक उन्नत अवस्था में पहुँच जाता है। हालांकि ज्यादातर लोगों को किडनी कैंसर के लक्षणों के बारे में सटीक जानकारी नहीं होती है।

एक आम धारणा यह भी है कि कैंसर का कोई इलाज नहीं है लेकिन ऐसा नहीं है।कई संस्थाएं कैंसर का इलाज आयुर्वेदिक तरीके से भी कर रही हैं और लोग उनकी दवाओं से इलाज भी कर रहे हैं। इन्हीं संस्थाओं में से एक है नवग्रह आश्रम। नवग्रह आश्रम भीलवाड़ा जिले के रायला गांव के पास मोती बोर का खेड़ा में स्थित है।यह कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए प्रसिद्ध है। यँहा किडनी कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षण दिए गए हैं जिन्हें आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

किडनी कैंसर के लक्षण?

कई बार लोगों को पता ही नहीं चलता है कि उनकी किडनी में कैंसर के लक्षण दिखने लगे हैं। समय बीतता जाता है और इसके लक्षण परिपक़्व होने लगते हैं। किडनी कैंसर के लक्षण इनमें से एक या अधिक हो सकते हैं:-

1. यूरिन में खून का आना : यूरिनरीट्रैक्ट में इंफेक्शन के कारण भी यह लक्षण नजर आता है, लेकिन किडनी कैंसर से पीड़ित ज्यादातर लोगों के यूरिन में खून भी आता है।
2. शरीर में ताकत की कमी रहना: लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से थकान हो सकती है। हालांकि ज्यादातर लोगों के लिए थकान एक छोटी सी समस्या हो सकती है, लेकिन कैंसर से जुड़ी थकान अलग होती है।
3. बेवजह वजन घटना: यदि बिना किसी व्‍यायाम या मेहनत के शरीर का वजन बेवजह घटने लगे, तो यह चिंताजनक स्थिति हो सकती है और यह किडनी कैंसर का मौन लक्षण हो सकता है। थकान और भूख न लगने के चलते भी एक समयावधि के बाद वजन घटने लगता है।
4. मूत्र की मात्रा में अचानक कमी होना
5. अचानक अधिक मात्रा में मूत्र की मात्रा बढ़ जाना
6. मूत्र में पीलापन होना
7. मूत्र में अत्यधिक झाग़ आना
8. शरीर पर अत्यधिक छोटी छोटी फुंसी होना
9. शरीर में अत्यधिक खुजली होना
10. हीमोग्लोबिन का लगातार धीरे धीरे कम होना
11. मूत्र में लगातार प्रोटीन का निकलना
12. किडनी के दोनों भाग में सूजन आना

इन लक्षणों से किडनी के कैंसर का पहचान किया जा सकता है। इनमें से किसी भी लक्षण अगर महसूस करे या कोई लक्षण लम्बे समय तक रहे तो डॉक्टर से सम्पर्क करें।

किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले कारक?

कई तरह से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। जिन लोगों को डायबिटीज के साथ ही उच्च रक्तचाप की समस्या है, उन्हें इन दोनों ही समस्याओं को कंट्रोल में रखना चाहिए, क्योंकि ये दोनों रोग किडनी को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, मोटापा, धूम्रपान और उम्र बढ़ने से भी किडनी की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं रहेगा तो किडनी की रक्त धमनियां खराब हो जाएंगी, जिसका असर किडनी की कार्यप्रणाली पर भी पड़ेगा।

क्या शुरुआत मे किडनी कैंसर का पता लगाया जा सकता है ?

किडनी कैंसर का पता शुरुआत मे धीमी गति चलता हैं, जबकि कुछ में लक्षण सीमित रहते हैं। इनका पता जब तक नहीं चलता जब तक कि वे शरीर के अन्य भागों में फैल नहीं जाते। कुछ टेस्ट है जो किडनी कैंसर को शुरुआत मे पता लगा सकते है जैसे यूरिन टेस्ट, सीटी स्कैन,एमआरआई।

समय रहते इनकी पहचान कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं। कैंसर का इलाज संभव है। अधिक जानकारी के लिए आप नवग्रह आश्रम में संपर्क कर सकते हैं।

किडनी खराब होने के पांच बहुत बड़े कारण क्या है?

कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया। अगर आपका स्वास्थ्य ठीक है तो आप सबसे सुखी है। लेकिन हमारे स्वास्थ्य के ठीक रहने के लिए हमारे शरीर के अंगों का ठीक रहना जरूरी है। अगर हमारा एक भी अंग सही ढंग से कार्य न करे तो उसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। इन्हीं में एक महत्वपूर्ण अंग है किडनी, जो कि रक्तशोधन का काम करता है।

किडनी खून को छानती है और खून में से 5 6 चीजें निकालती है। इसमें एक तो है सॉडियम जिसे हम नमक बोलते हैं। फिर फास्फोरस, पोटाश, यूरिक एसिड आदि निकालती है। इसके अलावा खून के अंदर अतिरिक्त पानी को भी किडनी बाहर निकालने का काम करती है। मतलब आपका खून का कितना गाढ़ा रहना चाहिए, यह काम भी किडनी ही तय करती है। इसके अलावा बीपी का कम ज्यादा होना भी किडनी पर निर्भर करता है। सॉडियम को बैलेंस करने का काम भी किडनी करती है।

किडनी रोगी को जो खुजली होती है वह भी किडनी के प्रभाव के कारण होती है। किडनी बॉडी के 14 प्रकार के कार्य करती है या फिर उन्हें प्रभावित करती है। जिस प्रकार आरओ पानी की सफाई कर सभी चीजों को अलग अलग कर देता है उसी प्रकार किडनी भी सभी चीजों को अलग अलग कर देती है।

किडनी क्यों खराब होती है?

किडनी खराब होने का कारण खानपान का ध्यान नहीं रखना है। निम्नलिखित कारणों से भी किडनी में समस्या देखी जाती है।

— अगर आपका बीपी लंबे समय से अनियंत्रित है।
— अगर लंबे समय से डायबिटीज के शिकार है।
— अगर आप ज्यादा सफेद नमक खाते हैं।
— अगर आप सफेद शक्कर खाते हैं।
— अकेला सफेद आटा या मैदा खाते हो।
— समुद्री नमक का उपयोग।
— रिफाइंड तेल के उपयोग से।

किडनी रोग से बचाव के आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

अगर आप जहर रूपी इन 5 चीजों का सेवन बंद कर दे तो किडनी रोग से बचा जा सकता है।

— नमक का उपयोग कम कर दे, एक 50 किलो वजन के व्य​क्ति के लिए दिन में आधा चम्मच नमक बहुत है। नमक का अधिक उपयोग किडनी रोग का कारण बनता है।
— हमेशा सफेद या समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करे।
— शक्कर की जगह गुड का इस्तेमाल करे।
— अकेले सफेद आटा खाने की जगह उसमें जौ, सोयाबिन आदि का कोई आटा मिक्स करके खाए।
— रिफाइंड तेल की जगह घाणी वाले तेल का उपयोग करे।

अगर आप मेरे द्वारा बताए गए इन कारणों और बचाव के उपायों का अनुसरण करते हैं तो सदैव किडनी रोग से दूर रहेंगे। साथ ही जो किडनी रोग से ग्रसित है उनके लिए भी यह खानपान और परहेज काफी फायदेमंद है।

पाठक अधिक जानकारी के लिए श्री नवग्रह आश्रम, मोती बोर का खेड़ा, रायला, जिला भीलवाड़ा सम्पर्क कर सकते हैं। श्री नवग्रह आश्रम आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर उपचार की अग्रणी संस्था है। श्री नवग्रह आश्रम अब तक विभिन्न बीमारियों के 55 हज़ार से अधिक रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ठीक कर चुका है।

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें +91 84484 49569

ब्रेस्ट कैंसर होने का कारण, लक्षण और उपचार क्या है?

कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका नाम सुनते ही हम डर जाते हैं क्योंकि इसे एक गंभीर बीमारी माना जाता है। साथ ही यह भी आम धारणा है कि कैंसर का कोई उपचार नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है, कई संस्थाएं आयुर्वेदिक तरीके से कैंसर का उपचार भी कर रही है और लोग उनकी औषधियों से ठीक भी हो रहे हैं। ऐसा ही एक संस्थान है नवग्रह आश्रम। भीलवाड़ा जिले के रायला गांव के पास मोती बोर का खेड़ा में स्थित नवग्रह आश्रम कैंसर सहित कई रोगों के उपचार के लिए विश्व विख्यात है।

वैसे तो कैंसर कई प्रकार का होता है। लेकिन आज हम बात करने वाले हैं ब्रेस्ट कैंसर होने के कारणों और लक्षणों पर। हमारा संस्थान पिछले कई बरसों से कैंसर सहित कई रोगों के निदान पर कार्य कर रहा है। हमारे बताए लक्षणों को पहचान कर आप जल्द इस बीमारी का उपचार लेकर ठीक हो सकते हैं।

क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर?

माताओं, बहनों या कहे कि स्त्रियों के स्तन में होने वाला कैंसर ब्रेस्ट कैसर या स्तन कैंसर कहलाता है। इसमें ब्रेस्ट में एक गांठ बन जाती है जो कि कैंसर का कारण बनती है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या है?

– अगर दोनों ब्रेस्ट की साइज समान है तो आप खतरे से बाहर है।

– दोनों ब्रेस्ट निप्पल का कलर समान है और निप्पल हार्ड नहीं है तो भी कोई खतरा नहीं है।

– निप्पल बीच में ही सीधी अवस्था में रहे यानी कि वे झूके हुए, साइड में गए या ​फिर ऊपर की ओर उठे हुए नहीं होने चाहिए।

– ब्रेस्ट निप्पल अंदर की ओर धंसे हुए नहीं होने चाहिए। अगर निप्पल अंदर धंसने लगे तो ब्रेस्ट कैंसर की संभावना हो सकती है।

– अगर आपके पूरे ब्रेस्ट में कहीं पर कोई गांठ बनती है और जिसको छूने से आपको दर्द होता है तो ब्रेस्ट कैंसर की संभावना हो सकती है।

– अगर आपके ब्रेस्ट में असामान्य उभार दिखाई दे यानी किसी स्थान विशेष पर उभार आ जाए तो ब्रेस्ट कैंसर की संभावना हो सकती है।

– अगर आपके ब्रेस्ट कैंसर की स्कीन शरीर के अन्य हिस्सों के मुकाबले असामान्य रूप से कलर में बदलाव दिखे और झुर्रियां होती दिखाई दें तो ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। सरफेस स्कीन खुरदरी होने लगे तो भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।

– निप्पल से पानी, खून की बूंद या पस निकले। साथ ही ब्रेस्ट में जलन होने लगे तो भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत है।

 

ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण

– सही उम्र में शादी न होना।

– बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग यानी स्तनपान न करवाना।

– सिंथेटिक कपड़ों का उपयोग करना।

– पौ​ष्टिक भोजन न करना आदि।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय

– सूती, सौम्य कपड़े पहने।
– ब्रेस्ट की मसाज करे।
– सूर्य की धूप स्तन पर डाले।
– सात्विक भोजन करे।
– ब्रेस्ट का निरीक्षण करे आदि।

इस आ​र्टिकल में आपने जाना कि किस प्रकार ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों और कारणों को सही समय पर पहचान कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं। कैंसर का इलाज संभव है। अधिक जानकारी के लिए आप नवग्रह आश्रम सम्पर्क कर सकते हैं।

Pavtan Pavtan
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