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किडनी खराब होने के पांच बहुत बड़े कारण क्या है?

कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया। अगर आपका स्वास्थ्य ठीक है तो आप सबसे सुखी है। लेकिन हमारे स्वास्थ्य के ठीक रहने के लिए हमारे शरीर के अंगों का ठीक रहना जरूरी है। अगर हमारा एक भी अंग सही ढंग से कार्य न करे तो उसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। इन्हीं में एक महत्वपूर्ण अंग है किडनी, जो कि रक्तशोधन का काम करता है।

किडनी खून को छानती है और खून में से 5 6 चीजें निकालती है। इसमें एक तो है सॉडियम जिसे हम नमक बोलते हैं। फिर फास्फोरस, पोटाश, यूरिक एसिड आदि निकालती है। इसके अलावा खून के अंदर अतिरिक्त पानी को भी किडनी बाहर निकालने का काम करती है। मतलब आपका खून का कितना गाढ़ा रहना चाहिए, यह काम भी किडनी ही तय करती है। इसके अलावा बीपी का कम ज्यादा होना भी किडनी पर निर्भर करता है। सॉडियम को बैलेंस करने का काम भी किडनी करती है।

किडनी रोगी को जो खुजली होती है वह भी किडनी के प्रभाव के कारण होती है। किडनी बॉडी के 14 प्रकार के कार्य करती है या फिर उन्हें प्रभावित करती है। जिस प्रकार आरओ पानी की सफाई कर सभी चीजों को अलग अलग कर देता है उसी प्रकार किडनी भी सभी चीजों को अलग अलग कर देती है।

किडनी क्यों खराब होती है?

किडनी खराब होने का कारण खानपान का ध्यान नहीं रखना है। निम्नलिखित कारणों से भी किडनी में समस्या देखी जाती है।

— अगर आपका बीपी लंबे समय से अनियंत्रित है।
— अगर लंबे समय से डायबिटीज के शिकार है।
— अगर आप ज्यादा सफेद नमक खाते हैं।
— अगर आप सफेद शक्कर खाते हैं।
— अकेला सफेद आटा या मैदा खाते हो।
— समुद्री नमक का उपयोग।
— रिफाइंड तेल के उपयोग से।

किडनी रोग से बचाव के आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

अगर आप जहर रूपी इन 5 चीजों का सेवन बंद कर दे तो किडनी रोग से बचा जा सकता है।

— नमक का उपयोग कम कर दे, एक 50 किलो वजन के व्य​क्ति के लिए दिन में आधा चम्मच नमक बहुत है। नमक का अधिक उपयोग किडनी रोग का कारण बनता है।
— हमेशा सफेद या समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करे।
— शक्कर की जगह गुड का इस्तेमाल करे।
— अकेले सफेद आटा खाने की जगह उसमें जौ, सोयाबिन आदि का कोई आटा मिक्स करके खाए।
— रिफाइंड तेल की जगह घाणी वाले तेल का उपयोग करे।

अगर आप मेरे द्वारा बताए गए इन कारणों और बचाव के उपायों का अनुसरण करते हैं तो सदैव किडनी रोग से दूर रहेंगे। साथ ही जो किडनी रोग से ग्रसित है उनके लिए भी यह खानपान और परहेज काफी फायदेमंद है।

पाठक अधिक जानकारी के लिए श्री नवग्रह आश्रम, मोती बोर का खेड़ा, रायला, जिला भीलवाड़ा सम्पर्क कर सकते हैं। श्री नवग्रह आश्रम आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर उपचार की अग्रणी संस्था है। श्री नवग्रह आश्रम अब तक विभिन्न बीमारियों के 55 हज़ार से अधिक रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ठीक कर चुका है।

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें +91 84484 49569

ब्रेस्ट कैंसर होने का कारण, लक्षण और उपचार क्या है?

कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका नाम सुनते ही हम डर जाते हैं क्योंकि इसे एक गंभीर बीमारी माना जाता है। साथ ही यह भी आम धारणा है कि कैंसर का कोई उपचार नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है, कई संस्थाएं आयुर्वेदिक तरीके से कैंसर का उपचार भी कर रही है और लोग उनकी औषधियों से ठीक भी हो रहे हैं। ऐसा ही एक संस्थान है नवग्रह आश्रम। भीलवाड़ा जिले के रायला गांव के पास मोती बोर का खेड़ा में स्थित नवग्रह आश्रम कैंसर सहित कई रोगों के उपचार के लिए विश्व विख्यात है।

वैसे तो कैंसर कई प्रकार का होता है। लेकिन आज हम बात करने वाले हैं ब्रेस्ट कैंसर होने के कारणों और लक्षणों पर। हमारा संस्थान पिछले कई बरसों से कैंसर सहित कई रोगों के निदान पर कार्य कर रहा है। हमारे बताए लक्षणों को पहचान कर आप जल्द इस बीमारी का उपचार लेकर ठीक हो सकते हैं।

क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर?

माताओं, बहनों या कहे कि स्त्रियों के स्तन में होने वाला कैंसर ब्रेस्ट कैसर या स्तन कैंसर कहलाता है। इसमें ब्रेस्ट में एक गांठ बन जाती है जो कि कैंसर का कारण बनती है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या है?

– अगर दोनों ब्रेस्ट की साइज समान है तो आप खतरे से बाहर है।

– दोनों ब्रेस्ट निप्पल का कलर समान है और निप्पल हार्ड नहीं है तो भी कोई खतरा नहीं है।

– निप्पल बीच में ही सीधी अवस्था में रहे यानी कि वे झूके हुए, साइड में गए या ​फिर ऊपर की ओर उठे हुए नहीं होने चाहिए।

– ब्रेस्ट निप्पल अंदर की ओर धंसे हुए नहीं होने चाहिए। अगर निप्पल अंदर धंसने लगे तो ब्रेस्ट कैंसर की संभावना हो सकती है।

– अगर आपके पूरे ब्रेस्ट में कहीं पर कोई गांठ बनती है और जिसको छूने से आपको दर्द होता है तो ब्रेस्ट कैंसर की संभावना हो सकती है।

– अगर आपके ब्रेस्ट में असामान्य उभार दिखाई दे यानी किसी स्थान विशेष पर उभार आ जाए तो ब्रेस्ट कैंसर की संभावना हो सकती है।

– अगर आपके ब्रेस्ट कैंसर की स्कीन शरीर के अन्य हिस्सों के मुकाबले असामान्य रूप से कलर में बदलाव दिखे और झुर्रियां होती दिखाई दें तो ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। सरफेस स्कीन खुरदरी होने लगे तो भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।

– निप्पल से पानी, खून की बूंद या पस निकले। साथ ही ब्रेस्ट में जलन होने लगे तो भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत है।

 

ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण

– सही उम्र में शादी न होना।

– बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग यानी स्तनपान न करवाना।

– सिंथेटिक कपड़ों का उपयोग करना।

– पौ​ष्टिक भोजन न करना आदि।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय

– सूती, सौम्य कपड़े पहने।
– ब्रेस्ट की मसाज करे।
– सूर्य की धूप स्तन पर डाले।
– सात्विक भोजन करे।
– ब्रेस्ट का निरीक्षण करे आदि।

इस आ​र्टिकल में आपने जाना कि किस प्रकार ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों और कारणों को सही समय पर पहचान कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं। कैंसर का इलाज संभव है। अधिक जानकारी के लिए आप नवग्रह आश्रम सम्पर्क कर सकते हैं।

Pavtan Pavtan
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