प्रोस्टेट की समस्या को जड़ से खत्म करने का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?
आज के समय में न चाहते हुए भी हम किसी न किसी विकार से ग्रसित हो ही जाते हैं। ऐसा ही एक विकार प्रोस्टेट ग्रंथि से जुड़ा हुआ है। जिसमें प्रोस्टेट ग्रंथि के अधिक विकसित होने या उसके बढ़ जाने से व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं। आज के आर्टिकल में हम इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
प्रोस्टेट की समस्या क्या होती है?
प्रोस्टेट की समस्या आमतौर पर पुरुषों में होती है, और उम्र के साथ साथ इसकी संभावना और अधिक बढ़ जाती है। प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों की प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जो वीर्य के एक भाग का उत्पादन करती है। जब यह ग्रंथि बढ़ती है, या इसमें सूजन होती है, तो इससे विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
प्रोस्टेट ग्रंथि क्या होती है?
प्रोस्टेट शरीर में मौजूद एक ग्रंथि है, जिसे ‘पौरुष ग्रंथि‘ भी कहा जाता है। यह एक द्रव पदार्थ का उत्पादन करती है, जो स्खलन के दौरान शुक्राणुओं को ले जाने का कार्य करता है। पौरुष ग्रंथि मूत्रमार्ग के चारों ओर स्थित होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने का मतलब इसके अधिक विकसित होने से लगाया जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि उम्र के साथ साथ बढ़ती है, जिससे मूत्राशय से मूत्र का प्रवाह अवरूद्ध हो जाता है।
प्रोस्टेट की समस्याएं क्या क्या होती है?
बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH): यह एक सामान्य स्थिति होती है, जिसमें प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से मूत्र नली पर दबाव पड़ता है, और मूत्र संबंधी समस्याएं होती हैं।
प्रोस्टेटाइटिस: प्रोस्टेट की सूजन को प्रोस्टेटाइटिस कहा जाता है, यह संक्रमण या अन्य कारणों से होती है।
प्रोस्टेट कैंसर: यह प्रोस्टेट ग्रंथि में उत्पन्न होने वाला कैंसर है, जो अधिक उम्र के पुरुषों में देखने को मिलता है।
प्रोस्टेट की समस्याओं के लक्षण क्या है?
प्रोस्टेट की समस्याओं के लक्षण निम्नलिखित हैं।
- पेशाब करने में कठिनाई।
- बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता।
- रात को बार-बार पेशाब आना।
- पेशाब में खून आना।
- पेशाब के दौरान जलन या दर्द।
- नीचले पेल्विक क्षेत्र में दर्द।
- वीर्य में खून आना।
- नींद में पेशाब आ जाना।
- पेशाब कंट्रोल नहीं कर पाना।
- पेशाब के रंग व गंध में बदलाव।
- यौन क्रियाओं में समस्याएं आदि।
प्रोस्टेट की समस्याओं के कारण क्या है?
प्रोस्टेट की समस्याओं के कारण निम्नलिखित है।
- उम्र का बढ़ना: उम्र के साथ साथ प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से भी यह समस्या होती है।
- हॉर्मोनल परिवर्तन: टेस्टोस्टेरोन और अन्य हॉर्मोन में बदलाव होना।
- जेनेटिक : परिवार में प्रोस्टेट की समस्या होना।
- जीवनशैली और आहार: असंतुलित जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आहार का सेवन।
- संक्रमण: बैक्टीरियल संक्रमण।
- अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: मोटापा, मधुमेह, और हाई बीपी आदि।
प्रोस्टेट की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?
प्रोस्टेट की समस्या के लिए आयुर्वेदिक में कुछ उपायों और जड़ी बुटियों के बारे में बताया गया है। जीवनशैली में बदलाव और आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से इस समस्या से निजात पाने में मदद मिल सकती है।
प्रोस्टेट की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार इस प्रकार है।
शिलाजीत:
शिलाजीत प्रोस्टेट स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, और सूजन को कम करता है।
त्रिफला:
त्रिफला आंवला, बहेड़ा, हरड़ का मिश्रण होता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है, और प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
गोखरू:
गोखरू प्रोस्टेट की सूजन को कम करता है, और मूत्र संबंधी समस्याओं में सुधार करता है। यह मूत्र प्रणाली के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है।
पुनर्नवा:
पुनर्नवा मूत्रवर्धक गुणों से युक्त होता है, और प्रोस्टेट की सूजन को कम करने में सहायक है।
यह मूत्र प्रणाली की सफाई करता है, और संक्रमण को रोकता है।
अश्वगंधा:
अश्वगंधा तनाव को कम करने और हॉर्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मददगार है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
कांचनार गुग्गुल:
कांचनार गुग्गुल प्रोस्टेट की सूजन को कम करने में काम में लिया जाता है। यह लसीका तंत्र को सुधारता है, और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
प्रोस्टेट की समस्या को खत्म करने के अन्य उपाय
- संतुलित आहार का सेवन।
- जीवनशैली में बदलाव।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिए।
- नियमित व्यायाम व ध्यान आदि।
उपरोक्त आर्टिकल में आपने प्रोस्टेट की समस्या, इसके लक्षणों, कारणों और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जाना। यह आर्टिकल प्रोस्टेट की सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। प्रोस्टेट की समस्या होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। कोई भी आयुर्वेदिक उपचार शुरू करने से पूर्व भी चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।