क्या आप हाई बीपी (ब्लड प्रेशर) का शिकार हैं? एलोपेथी नहीं बल्कि आयुर्वेदिक इलाज से दूर करें ये समस्या

high blood pressure ka ayurvedic ilaj

एक समय था जब ना तो नौकरी की टेंशन थी, ना गलत खानपान की। लोग खुद को स्वस्थ रखने के लिए खुले वातावरण में घूमते थे। यदि किसी को कोई तकलीफ भी होती थी तो वह आयुर्वेदिक इलाज की मदद से ठीक हो जाते थे। आयुर्वेदिक इलाज किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। ऐसे में पहले के समय में लोग आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन करते थे और कम ही बीमारी होते थे। लेकिन इन दिनों लोगों की लाइफस्टाइल काफी व्यस्त हो गई है। वह पूरे 24 घंटे में से खुद के लिए आधा घंटा तक भी नहीं निकाल पाते हैं। खानपान में गड़बड़ी और गलत जीवनशैली की वजह से कई तरह की बीमारियां हो रही हैं। इन्हीं में से एक बीमारी है ब्लड प्रेशर।

आजकल हर दूसरा व्यक्ति ब्लड प्रेशर का शिकार है। ज्यादातर लोग हाई बीपी यानी हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए लोग एलोपेथी दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन कई बार इससे भी असर नहीं होता है। आप शायद ही ये बात जानते होंगे कि अब हाई ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक इलाज भी संभव है। हाई बीपी का आयुर्वेद इलाज अपनाकर लोग खुद को इस बीमारी से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज जानने से पहले आपको ये जानना जरुरी है कि आखिर हाई ब्लड प्रेशर होता क्या है, इसके लक्षण, कारण, क्या करें क्या ना करें आदि।

क्या होता है हाई ब्लड प्रेशर?

हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन की बीमारी बहुत घातक होती है। ये उस स्थिति में होता है जब धमनियों (arteries) में रक्त का दबाव बहुत बढ़ जाता है। वैसे तो हमारा ब्लड प्रेशर दिनभर ऊपर-नीचे होता रहता है लेकिन जब लंबे समय तक यह एक ही जैसा रहे तो यह समस्या बन सकता है। आमतौर पर ब्लड प्रेशर 140/90mmHg होता है। अगर खून का दबाव इससे ज्यादा होता है तो ये हाई बीपी माना जाता है। अगर हाई बीपी को कंट्रोल नहीं किया जाए, तो ये कई गंभीर बीमारियों को जगह दे सकता है। हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। कई बार ये हार्ट अटैक, हार्ट फेल, ब्रेन फेल, किडनी डैमेज और आंखों की समस्या जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर के क्या लक्षण हैं?

वैसे तो कई सालों तक हाई बीपी के लक्षणों का पता नहीं चलता है। लेकिन इसके कुछ ऐसे सामान्य लक्षण हैं, जिसको ध्यान में रखकर आप बीपी की जांच करवा सकते हैं।

  • धुंधला दिखना
  • सिर घूमना
  • छाती में दर्द
  • चक्कर आना
  • सांस लेने में मुश्किल
  • अनुवांशिक
  • थकान लगना और कंफ्यूजन लग्न
  • पेशाब में खून आना
  • सिरदर्द रहना
  • नाक से ब्लड आना

हाई बीपी के कारण

  • अगर आपके परिवार में किसी को हाई बीपी की समस्या है तो इसका खतरा आपको भी हो सकता है।
  • जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, तो आपके ब्लड प्रेशर में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में कई बार हाई बीपी का खतरा बढ़ जाता है।
  • निद्रा अपनिया (sleep apnea) के कारण भी कई बार नींद में सांस रुक जाती है। ऐसे में हाई बीपी होने लगता है।
  • किडनी की कोई बीमारी भी हाई बीपी का कारण बनती है। दरअसल, जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती तो आपके शरीर में फ्लूइड ज्यादा मात्रा में बनने लगता है जो ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है।
  • कई बार आपका गलत खानपान भी बीपी को बड़ा देता है। ज्यादा तला हुआ, मसालेदार खाना और ज्यादा मीठे पदार्थ खाने से भी बीपी हाई होने का खतरा रहता है।
  • कई बार तनाव, गुस्सा, पॉल्यूशन और दूसरी शारीरिक समस्याएँ भी हाई बीपी की दिक्कत को बढ़ा देती हैं।

हाई बीपी होने पर क्या करें?

गहरी सांस लें

ब्लड प्रेशर हाई हो जाने पर आप तुरंत गहरी सांस लेना शुरू करें। लेकिन गहरी सांस ऐसे लें कि वो नाक से लें और मुंह से निकले। इससे आपका तनाव कम होगा और शरीर में ऑक्सीजन बढ़ेगा।

भीड़ से दूर रहें

जैसे ही आपका बीपी हाई होने लगे तो आप खुद को भीड़ से दूर कर लें। भीड़ में रहने से ज्यादा घबराहट होगी। ऐसे में दिमाग पर ज्यादा दवाब पड़ता है और हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है।

खुले वातावरण में बैठे

हाई बीपी होने पर आप किसी खुले वातावरण में बैठे जहां ताज़ी हवा मिल सके। साथ ही आप अपना ध्यान सभी चीजों से हटा लें और सिर्फ अपनी सांसों पर केंद्रित करें।

आँख बंद करके लेटें

यदि आपका ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है तो आप किसी कमरे में जाकर शांति में आँखें बंद करके लेट जाएं। कुछ देर बाद आप ठंडा दूध या फिर नारियल पानी पी लें।

हाई ब्लड प्रेशर से बचाव कैसे करें?

  • नियमित रूप से संतुलित और स्वस्थ आहार लें।
  • खाने में ऊपर से नमक ना डालें।
  • खाने में नमक की मात्रा कम लें।
  • पोटेशियम युक्त भोजन करें।
  • कम फैट वाले पदार्थ को भोजन में शामिल करें।
  • फल और हरी सब्जियों का सेवन करें।
  • अपने वजन को हमेशा नियंत्रित रखें। मोटापे से हाई बीपी की समस्या होती है।
  • शराब और स्मोकिंग का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • रोजाना की दिनचर्या में एक्सरसाइज या योग जरूर शामिल करें।

हाई ब्लड प्रेशर को कैसे करें कंट्रोल?

नमकीन फूड्स

हाई ब्लड प्रेशर सोडियम पर निर्भर होता है। यदि आप सोडियम ज्यादा खा रहे हैं तो शरीर में वॉटर रिटेंशन का कारण बनता है और इससे आपका बीपी बढ़ सकता है। पिज्जा, बर्गर, सैंडविच जैसे अन्य जंक फ़ूड से दूरी बनाकर रखें।

मीठा

हाई बीपी के मरीजों को ज्यादा मीठा खाने से बचना चाहिए। दरअसल, मीठा खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। आप कैंडी, कुकीज़, केक, फलों का जूस और सोडा जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखें।

रेड मीट

हाई बीपी वालों को रेड मीट खाने से ख़तरा रहता है। दरअसल, इसमें सेचुरेटेड फैट्स और कोलेस्ट्रॉल ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। ये दोनों सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।

प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड आइटम

हाई बीपी के मरीजों को प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड आइटम से भी दूरी बनाकर रखना चाहिए। दरअसल, इन फूड्स में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है और इससे आपका बीपी बढ़ सकता है।

क्या हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज संभव है?

चूँकि हाई ब्लड प्रेशर अब हर दूसरे व्यक्ति की समस्या बन गई है, ऐसे में आयुर्वेद ने भी इसका इलाज काफी पहले खोज निकाला है। देश में कई ऐसे संस्थान हैं जो बीमारियों को आयुर्वेदिक इलाज की मदद से ठीक करते हैं। हाई ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित लोग अब अपनी बीमारी को ठीक करने के लिए आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं। हम आपको आज कुछ ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में बता रहे हैं जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।

अर्जुन छाल

अर्जुन के पेड़ से निकलने वाली छाल बहुत ज्यादा औषधीय गुणों से भरपूर रहती है। इससे कई बीमारियों का इलाज होता है। अर्जुन की छाल हाई ब्लड प्रेशर को तो कम करता ही है और साथ ही कोलेस्ट्रॉल भी कम करने में मदद करता है।

चुकंदर

वैसे तो चुकंदर हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में काम आता है लेकिन इससे आप हाई बीपी भी कंट्रोल कर सकते हैं। चुकंदर में नाइट्रेट, पोटेशियम, फाइटोकेमिकल, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।

त्रिफला

त्रिफला भी एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है। त्रिफला हरड़, आवला और बहेड़ा का संयोजन है, जिसके सेवन से रक्त वाहिकाओं पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। हाई बीपी को कंट्रोल करने के अलावा ये पाचन तंत्र को भी मजबूत करती है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा जड़ीबूटी में तनाव को कम करने वाले औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से बीपी हमेशा कंट्रोल में बना रहता है। साथ ही अश्वगंधा खाने से प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।

Pavtan Pavtan
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