क्या आप मधुमेह (Diabetes) पर काबू पाना चाहते हो? तुरंत अपनाएं ये रामबाण आयुर्वेदिक नुस्खे
आज के समय में जो सबसे आम बीमारी हो गई है वो है डायबिटीज जिसे हम शुगर और मधुमेह भी कहते हैं। इस बीमारी ने हर दूसरे व्यक्ति को जकड़ रखा है। वैसे तो आज भी कई लोग डायबिटीज को आम बीमारी ही मानते हैं और इसके इलाज में भी लापरवाही करते हैं। लेकिन डायबिटीज इतनी खतरनाक बीमारी है कि जब ये बढ़ जाती है, तो ये कोई बड़ी बीमारी के रूप में बदल सकती है। इसलिए तो Diabetes को ‘साइलेंट किलर‘ भी कहा जाता है। डायबिटीज का कोई स्थाई इलाज नहीं है। एक बार जो इसकी चपेट में आ गया, उसे फिर उम्रभर इससे लड़ना पड़ता है। आमतौर पर डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लोग एलोपेथी दवाइयों का ही सेवन करते हैं, लेकिन शायद आप ये बात नहीं जानते होंगे कि डायबिटीज का आयुर्वेद इलाज भी संभव है।
आयुर्वेदिक इलाज में किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं की जाती है। इसमें बस कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन करना होता है और इससे बीमारियों से काफी हद तक राहत मिल जाती है। पहले के समय में भी लोग डायबिटीज से पीड़ित रहते थे लेकिन वह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की मदद से इस बीमारी से खुद का बचाव कर लेते थे। आज हम आपको डायबिटीज बीमारी क्या है? डायबिटीज के लक्षण, डायबिटीज के कारण और डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज के बारे में अन्य जानकारी जानने से पहले हम जानते हैं कि आखिर डायबिटीज है क्या? हमारे खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने के कारण Diabetes की समस्या होती है।
डायबिटीज होने का क्या कारण है?
आयुर्वेद के मुताबिक, मधुमेह यानी Diabetes का रोग शरीर में मेटाबॉलिज़म की समस्या के कारण होता है। दरअसल, मेटाबॉलिज़म एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके दौरान शरीर भोजन से जो भी पोषण तत्व प्राप्त करता है, उसका उपयोग करके वह एनर्जी बनाता है। यदि मेटाबॉलिज़म में कोई दिक्कत हो जाती है तो शरीर में जो इंसुलिन हॉर्मोन मौजूद होता है, वो ठीक से काम करना बंद कर देता है। ऐसे में शरीर में इंसुलिन की कमी होने लगती है और खून में शुगर लेवल बढ़ जाता है।
डायबिटीज होने के अन्य कारण क्या हैं?
- सही डायट ना लेना
- ख़राब लाइफस्टाइल
- शरीर में अधिक कफ होना
- प्रदूषित जगह पर रहना
- शरीर हमेशा थका हुआ होना
- गलत दवाओं का सेवन करना
- जेनेटिक
डायबिटीज कितने प्रकार की होती है?
आमतौर पर Diabetes तीन प्रकार की होती है-
- टाइप 1 डायबिटीज
- टाइप 2 डायबिटीज
- जेस्टेशनल डायबिटीज
डायबिटीज के क्या लक्षण हैं?
- ज्यादा भूख लगना
- प्यास ज्यादा लगना
- वजन कम होना
- जल्दी-जल्दी पेशाब आना
- धुंधला दिखाई देना
- बहुत ज्यादा थकावट होना
- छाले और घाव होना और उनका पक जाना
टाइप 1 Diabetes के क्या लक्षण हैं?
- बहुत ज्यादा भूख लगना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- बिना कोशिश के भी लगातार वजन कम होना
- बार-बार पेशाब आना
- धुंधला दिखना
- थकावट
- बार-बार मूड बदलना
टाइप 2 Diabetes के क्या लक्षण हैं?
- भूख बढ़ जाना
- प्यास बढ़ना
- ज्यादा पेशाब आना
- धुंधला दिखना
- थकावट रहना
- घाव धीरे-धीरे भरना
- बार-बार संक्रमण होना
डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?
हल्दी और मेथी का पानी
सुबह के समय रोजाना एक ग्लास गर्म पानी में 1 चम्मच हल्दी पाउडर और 1 चम्मच मेथी पाउडर मिलाकर पीने से फास्टिंग शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
आंवला चूर्ण
आंवले में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। ये शरीर में इंसुलिन बनाने में कारगर साबित होता है।
सदाबहार का पौधा
सदाबहार बेहतरीन औषधीय गुणों वाला पौधा है। ये आपको हर जगह मिल जाएगा। डायबिटीज के मरीज सदाबहार की ताज़ी पत्तियों को चबाकर खा सकते हैं। या फिर आप सदाबहार के फूल को पानी में अच्छे से उबालकर सुबह खाली पेट पिएं।
अंजीर के पत्ते
अंजीर के साथ-साथ उसके पत्ते भी काफी फायदेमंद होते हैं। इसके पत्ते सुबह खाली पेट चबाने से या फिर पानी में उबालकर पीने से शुगर कंट्रोल में रहती है।
जामुन के बीजों का पाउडर
जामुन के बीज डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। रोजाना जामुन के बीज का पाउडर खाली पेट एक चम्मच गर्म पानी के साथ पी लें, शुगर कंट्रोल में रहेगी।
अंगूर के बीज
डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए अंगूर के बीज काफी फायदेमंद साबित होते हैं। आप इन्हें पीसकर इसका चूर्ण बना लें और रोजाना पानी से इसका सेवन करें।
गिलोय
गिलोय सबसे ज्यादा औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा कंट्रोल में रहती है। एक कप पानी में एक चम्मच गिलोय पाउडर डालकर छोड़ दें और सुबह उठकर उसका सेवन करें।
नीम
नीम का इस्तेमाल ज्यादा आयुर्वेदिक दवाओं में होता है। इसमे एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं। साथ ही नीम में कई ऐसे भी गुण पाए जाते हैं जो डायबिटिक को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। आप नीम के पत्ते का या फिर इसके रस का सेवन कर सकते हैं।
सौंफ
रोजाना खाना खाने के बाद डायबिटीज के मरीज एक बड़ी चम्मच सौंफ का सेवन जरूर करें। इससे मीठा खाने की लालसा खत्म हो जाती है। साथ ही ये खाने को पचाने में मदद करती है।
जैतून का तेल
जैतून के तेल का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल तो कंट्रोल होता ही है और साथ ही ये ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद करता है। आप खाने में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
गुड़मार
गुड़मार एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। आमतौर पर इसका सेवन एलर्जी, खांसी और कब्ज जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए होता है। लेकिन ये डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। रोजाना खाना खाने से एक घंटे पहले एक चम्मच गुड़मार के पत्तों का पाउडर खाने से शुगर कंट्रोल में रहती है।
Diabetes कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक चूर्ण बनाने की विधि
हम आपको आज कुछ ऐसी खास जड़ी बूटियों के बारे में बता रहे हैं, जिसके सेवन से आपकी शुगर हमेशा कंट्रोल में रहेगी। यदि ये सही तरीके से खाया जाए, तो आप इस बीमारी से छुटकारा भी पा सकते हैं। नीचे दी गई सभी जड़ी-बूटियों को सही मात्रा में मिलाकर इसका चूर्ण तैयार करें और रोजाना रात में सोते समय गर्म पानी से एक चम्मच यानी करीब 4 ग्राम इसका सेवन करें।
- जामुन- 10 ग्राम
- बिल्व – 10 ग्राम
- चिरायता- 10 ग्राम
- मधुनाशिनी- 20 ग्राम
- त्रिकटु- 20 ग्राम
- पिप्पली- 10 ग्राम
- निर्गुंडी- 5 ग्राम
- पुनर्नवा- 10 ग्राम
- आंवला- 10 ग्राम
- गुडुची- 20 ग्राम
- भूमि-अमलकी- 15 ग्राम
आज के समय में यूं तो विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में डायबिटीज के कई इलाज मौजूद हैं लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा के रायला ग्राम स्थित ‘श्री नवग्रह आश्रम‘ आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार के लिए जाना जाता है। यहां पर कई प्रकार के रोगों का उपचार आयुर्वेदिक पद्धति से किया जाता है, जिसमें डायबिटीज भी एक है।
अगर आप Diabetes की समस्या से परेशान है तो नवग्रह आश्रम अवश्य जाना चाहिए।