क्या आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ हैं? हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खे

हाई कोलेस्ट्रॉल

इन दिनों तो ना सिर्फ बुजुर्ग लोग बल्कि नौजवान भी कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। पिछले करीब एक दशक की बात करें तो इस दौरान सबसे ज्यादा हृदय रोगों के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। इतना ही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक तो दुनियाभर में हृदय रोग मौत का सबसे प्रमुख कारण है। आप शायद ही ये बात जानते होंगे कि हृदय रोगों के बढ़ने का सबसे मुख्य कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना है। व्यक्ति को स्वस्थ रखने और बीमार रखने दोनों में ही कोलेस्ट्रॉल अहम् किरदार निभाता है।

जब आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है तो आप हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में शरीर में कई तरह की दिक्कतों का सामने करना पड़ता है। आमतौर पर लोग कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दवाइयों का सेवन करते हैं, लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि आप आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाकर भी हाई कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल क्या है, कोलेस्ट्रॉल कितने प्रकार का होता है, हाई कोलेस्ट्रॉल कैसे होता है, हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण, हाई कोलेस्ट्रॉल से बचाव के आयुर्वेदिक उपाय आदि के बारे में बता रहे हैं।

कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?

कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ होता है। यह हमारे शरीर में खून के अंदर पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में मुख्य भूमिका निभाता है। मानव शरीर को कोलेस्ट्रॉल की जरूरत कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए भी होती है. कोलेस्ट्रॉल लीवर में बनता है जो शरीर के हर हिस्से में पाया जाता है। यह बॉडी में हॉर्मोन्स को कंट्रोल करने के अलावा सूरज की रोशनी को विटामिन D में बदलने में मदद करता है। इतना ही नहीं, कोलेस्ट्रॉल शरीर से टॉक्सिन्स को सोखकर स्वस्थ रखता है। ये दिमाग के लिए भी फायदेमंद होता है।

कोलेस्ट्रॉल कितने प्रकार का होता है?

कोलेस्‍ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं। पहला ही हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL cholesterol) जिसे गुड कोलेस्‍ट्रॉल भी कहा जाता है और दूसरा है लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL cholesterol) जिसे बैड कोलेस्‍ट्रॉल कहा जाता है। एचडीएल कोलेस्‍ट्रॉल को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। ये खून से अतिरिक्त फैट हटाने में मदद करता है, इसलिए इसे गुड कोलेस्‍ट्रॉल कहते हैं। ये हार्ट के लिए भी फायदेमंद होता है। वहीं एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल हार्ट के लिए नुकसानदायक होता है। दरअसल, शरीर में बैड कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने से हार्ट ठीक से काम नहीं कर पाता. इस कारण तमाम तरह की परेशानियां होती हैं. एलडीएल को खराब कोलेस्‍ट्रॉल के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में तमाम तरह की परेशानियां होने लगती है।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के क्या कारण हैं?

इन दिनों ज्यादातर लोगों के बीच कोलेस्ट्रॉल बढ़ने यानी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो रही हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल होने से हार्ट डिसीज और स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ गया है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं।

अस्वस्थ आहार

यदि आप लगातार फैट वाले आहार का सेवन कर रहे हैं, जिसमें सैच्युरेटेड फैट की मात्रा अधिक रहती है तो ऐसे में खून में एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। मीट, डेयरी उत्पाद, अंडा, नारियल तेल, पाम ऑइल, मक्खन, चॉकलेट्स, तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड फूड और बेकरी आइटम से ज्यादातर दूरी बनाकर रखें।

ख़राब लाइफस्टाइल

यदि आप दिनभर में ज्यादातर समय बैठे रहते हैं और शारीरिक गतिविधि का ज्यादा काम नहीं करते हैं तो इससे भी रक्त वाहिकाओं में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। इसके अलावा मोटापे की समस्या भी खून में फैट के सर्कुलेशन को बाधित करती है.

धूम्रपान और शराब

बहुत ज्यादा धूम्रपान करने या शराब के सेवन से शरीर में रक्त धमनियां कठोर हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लागत है और हृदय को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ाता है और एचडीएल स्तर को कम करता है।

वंशानुगत

कई बार जब आपके परिवार में कोई व्यक्ति यदि हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी का शिकार हो तो आपको भी ये बीमारी होने का ख़तरा बढ़ जाता है।

अन्य बीमारी

पीसीओएस, हाइपोथायरायडिज्म, डायबिटीज, किडनी डिजीज, एचआईवी और ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे – रुमेटायड आर्थराइटिस, सोरायसिस के कारण भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है।

शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल लेवल के क्या लक्षण हैं?

  • हाई बीपी
  • सीने में दर्द
  • सांस फूलना
  • थकान औऱ कमजोरी
  • स्किन पर पीले रंग का जमाव
  • झनझनाहट महसूस होना
  • जी मिचलाना
  • सुन्न होना
  • अत्यधिक थकान
  • नाखूनों का पीलापन
  • नाखूनों में दरार आना
  • हाथों में दरार दिखना
  • हाथों में झनझनाहट होना
  • पसीना आना
  • मोटापा

स्वस्थ व्यक्ति के लिए कोलेस्ट्रॉल की सही मात्रा क्या है?

कुल कोलेस्ट्रॉल: 200- 239 mg/dL से कम
HDL: 60 mg/dL से अधिक
LDL: 100 mg/dL से कम

हाई कोलेस्‍ट्रॉल होने से कैसे बचें?

  • शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं।
  • सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें।
  • ज्यादा शुगर, सेचुरेटेड फैट और रिफाइंड खाद्य पदार्थ खाने से बचें।
  • अपने भोजन में दाल, बीन्स, नट्स, टोफू शामिल करें।

हाई कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?

लहसुन

रोजाना सुबह-शाम लहसुन का सेवन करने से शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा कम हो सकती है।

नींबू

नींबू शरीर के वजन को कम करने के साथ-साथ कोलेस्‍ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है। रोजाना खाली पेट नींबू का सेवन करने से कोलेस्‍ट्रॉल तेजी से कम होता है।

अलसी

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अलसी बेहद फायदेमंद है, इसके लिए आप अलसी के पिसे हुए बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ओट्स

फाइबर से भरपूर ओट्स का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है। आप रोजाना नाश्ते में ओट्स को शामिल कर सकते हैं।

मछली का तेल

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मछली का भी अहम रोल होता है। दरअसल, मछली के तेल में ओमेगा 3 और फैटी एसिड मौजूद होता है जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।

हल्दी और करी पत्ता

हल्दी और करी पत्ते में भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने के कई उपयोगी गुण पाए जाते हैं। आप रोजाना भोजन बनाते समय इन दो चीजों का उपयोग जरूर करें।

अर्जुन की छाल

कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आप अर्जुन के पेड़ की छाल का भी सेवन कर सकते हैं। आप रोजाना एक ग्लास पानी में इसे भिगोकर और फिर उबालकर पी लें। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल घटने लगता है।

विटामिन-सी

कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाने के लिए आपको रोजाना अपने आहार में विटामिन-सी (Vitamin-C) युक्त चीजें शामिल करनी होंगी। आप आँवला, अनार, नींबू, संतरा, मौसंबी आदि जैसी खट्टी चीजों को अपने आहार में शामिल करें।

अंकुरित दाल

दाल हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होती हैं। आप रोजाना अपने आहार में राजमा, चने, मूंग, सोयाबीन और उड़द आदि जैसी अंकुरित दालों को शामिल करे। ये आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाने में काफी मददकर साबित होंगी।

Pavtan Pavtan
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