श्री नवग्रह आश्रम पर कैंसर चिकित्सा के दौरान कुछ ध्यान रखने योग्य हैं,
कैंसर रोग की किसी भी स्टेज का उपचार संभव हैं, उपचार में लगने वाला समय रोग की गंभीरता के हिसाब से अलग हो सकता हैं,
किसी अन्य चिकित्सा पद्धति के साथ भी आयुर्वेद का इलाज लिया जा सकता हैं, किंतु एक समय में एक ही चिकित्सा पद्धति श्रेष्ठ रहती हैं।
किमों या किसी भी थैरेपी के बाद भी आयुर्वेद से इलाज संभव हैं।
कैंसर रोग के अलावा यदि किसी अन्य प्रकार की बीमारी जैसे बी.पी., शुगर या दर्द निवारक की दवाईयां चल रही हो तो उन्हें यथावत लेते रहे, एकदम बंद
नहीं करें। इन बीमारियों के लिए भी आश्रम की आयुर्वेदिक औषधीयां लेते हुए अंग्रेजी दवाईयों की मात्रा धीरे-धीरे कम की जा सकती हैं।
नियमित समय पर रोग से संबंधित आवश्यक जाँचे करवातेे रहें।
गौमूत्र, दूध, घी एवं छाछ आदि देशी गाय का ही प्रयोग करें
रोेगी को पूर्ण आराम एवं नींद लेने देें।
रोगी की आयु और शारिरीक स्थिति के अनुसार औषधी की मात्रा को कम किया जा सकता हैं, उदाहरण के लिए यदि उल्टी हो, तो औषधी को 1दिन लिए
बन्द करके फिर से 1 चम्मच से शुरू किया जा सकता हैं, इसके अनुसार किया जा सकता हैं।
7वर्ष से कम वाले को 33ः औषध, 8-14 वर्ष तक 66ः औषध, 14से उपर 100ः औषध मात्रा की खुराक दें।