क्या लिवर सिरोसिस का आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों से इलाज संभव है?

Ayurvedic Treatment For Liver Cirrhosis

दुनियाभर में कई ऐसी बीमारियां फ़ैल चुकी हैं जिसकी आपको और हमें भनक तक नहीं लगती है। इनमें से कुछ बीमारियों के तो कभी नाम भी नहीं सुने होते हैं, लेकिन ये बीमारियां आपके शरीर में फैलती जाती है। खराब दिनचर्या, अस्वस्थ खानपान और तनाव के कारण हमारे शरीर में बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं। खासतौर से इन बीमारियों का प्रभाव लिवर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं। इन्हीं में से एक बीमारी है लिवर सिरोसिस, जो एक बेहद ही एक घातक बीमारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल करीब 7-8 लाख लोग इस बीमारी के चपेट में आते हैं। इस बीमारी के चलते व्यक्ति का लिवर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। अंत में ऐसी स्थिति आ जाती है कि लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है। ऐसे में जिन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर रहती है, वो मजबूरन लिवर ट्रांसप्लांट नहीं करवा पाते हैं। वैसे तो लिवर सिरोसिस को लाइलाज बीमारी कहा जाता है लेकिन यदि इसका सही इलाज हो जाए तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं होता है। सही समय पर सही उपचार अपनाकर इस बीमारी के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। हम आपको आज कुछ ऐसे घरेलू आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप इस बीमारी को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।

क्या होता है लिवर सिरोसिस?

इस बीमारी में लिवर बुरी तरह से डैमेज हो जाता है। इसे स्थिति को क्रॉनिक लिवर डिजीज कहते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, जब क्रॉनिक लिवर डिजीज होती है तो लिवर के टिश्यू काम करना बंद कर देते हैं। बता दें लिवर के टिश्यू संक्रमण से लड़ने, ऊर्जा संचरण, टिश्यू प्रोटीन निर्माण, रक्त के शुद्धिकरण और साथ ही पाचन तंत्र को मजबूत करने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि, जिस भी व्यक्ति को लिवर सिरोसिस बीमारी होती है, उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता अन्य मरीजों की तुलना में ज्यादा कमजोर हो जाती है। इस बीमारी में मरीज के लिवर की बहुत सारी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और उनकी जगह फाइबर ले लेता है। साथ ही लिवर का शेप भी बिगड़ने लगता है। इस बात से ही आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि लिवर सिरोसिस कितनी खतरनाक बीमारी है। सिरोसिस की वजह से जब लिवर को नुकसान पहुंचता है, तो उसे वापस ठीक नहीं किया जा सकता। समय पर इस बीमारी की पहचान कर यदि इलाज शुरू कर दिया जाए तो इससे शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं होता है।

लिवर सिरोसिस होने के क्या कारण हैं?

लिवर सिरोसिस बीमारी होती क्या है, ये तो आपने जान लिया है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी ये जानना है कि आखिर ये बीमारी होती क्यों हैं। तो हम आपको बता दें कि लिवर सिरोसिस बीमारी हेपेटाइटिस और ज्यादा शराब के सेवन से हो सकती है। इससे शरीर में इन्फेक्शन हो जाता है और लिवर सेल्स पर निशान पड़ जाते हैं। ऐसे में सिरोसिस ख़राब होने लगता है और काफी सारे सेल्स पर निशान दिखने लगते हैं, जिससे लिवर को अपना काम करने में मुश्किल होने लगती है।

लिवर सिरोसिस के लक्षण क्या हैं?

  • थकावट (या थकान) महसूस होना
  • कमजोरी आना
  • कम या बिलकुल भूख न लगना
  • वजन कम होना
  • लिवर पर सूजन आना
  • हथेलियों का लाल होना
  • त्वचा और आंखों का पीला हो जाना
  • ब्राउन या गहरे पीले रंग की पेशाब होना
  • बाल झड़ना
  • त्वचा और बेली बटन के करीब में रक्त वाहिकाओं में बदलाव
  • पुरुषों में ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ने लगना
  • डायरिया
  • मेंटल कन्फूजन बढ़ना
  • पेट में पानी भरना
  • पेट और पैरों में सूजन आना
  • पाइल्स की बीमारी होना

लिवर सिरोसिस का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

आयुर्वेदिक इलाज पद्धति हजारों वर्षों से चली आ रही है। आयुर्वेद में हर बड़ी से बड़ी बीमारी का सफल इलाज बताया गया है। इसी तरह लिवर सिरोसिस जैसी घातक बीमारी का भी इलाज आयुर्वेद के पास मौजूद है। इन दिनों एलोपेथी इलाज के बढ़ने से लोग आयुर्वेदिक इलाज पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। लेकिन आप ये बात नहीं जानते होंगे कि आयुर्वेदिक इलाज द्वारा बीमारी को कम किया जा सकता है। हम आपको घर में मौजूद उन आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में बता रहे हैं, जो लिवर सिरोसिस को ठीक करने में मदद करेंगी। आइए जानते हैं लिवर सिरोसिस के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में।

हल्दी

हल्दी में कई चमत्कारी गुण होते हैं। आप शायद ही ये बात जानते होंगे कि हल्दी हमारे लीवर में होने वाले रैडिकल डैमेज की मात्रा को कम करती है। हल्दी अन्य पारंपरिक दवाओं की तुलना में दर्द से राहत दिलाने में ज्यादा असरदार मानी जाती है। हल्दी फैट को पचाने में मदद करती है और साथ ही शरीर में पित्त का निर्माण करती है, जो हमारे लीवर के लिए प्राकृतिक डीटॉक्सिफायर का काम करता है।

एलोवेरा और आंवला का जूस

एलोवेरा और आंवला का जूस सिरोसिस से होने वाले लिवर डैमेज को कंट्रोल करने में काफी मदद करता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक, रोजाना सुबह खली पेट 5-5ml एलोवेरा और आंवले के जूस को मिलाकर पीने से काफी राहत मिल सकती है।

अर्जुन की छाल

अर्जुन का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ये कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। अर्जुन की छाल का इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जा रहा है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, लिवर सिरोसिस में भी इसके सेवन से बहुत फायदा मिलता है। ऐसे में लिवर सिरोसिस के मरीज हर रोज दिन में दो बार सुबह और रात में अर्जुन की छाल को पानी में अच्छे से उबालकर इसे आधा गिलास पिएँ, इससे काफी आराम मिलेगा।

पपीता

पपीता पाचन के लिए सबसे अच्छा फल माना जाता है। जो भी व्यक्ति लिवर सिरोसिस से पीड़ित है, वह रोजाना ताजा पपीते का सेवन करे। ना सिर्फ पपीता बल्कि इसके बीज भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे। यदि आप अपने लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो पपीते का रस निकालकर इसमें नींबू को मिक्स करके फिर इसका सेवन करें। इससे मरीज को काफी आराम मिलेगा।

सेब

सेब ऐसा फल है जिसका रोजाना सेवन करने से आप हर बीमारी से दूर रहेंगे। इसमें पेक्टिन (Pectin ) होता है, जो पाचन तंत्र से विषाक्तता को कम करके लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ऐसे में आप रोजाना अपनी डाइट में दो सेब शामिल करें। ये लिवर सिरोसिस से आराम दिलाने में प्रभावी हो सकता है।

तुलसी दल

तुलसी भी औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है। तुलसी के पत्तों में हेपाटो प्रोटेक्टिव गुण मौजूद होता है, जो हमारे लिवर को ख़राब होने से बचाता है। ऐसे में लिवर सिरोसिस के मरीजों को रोजाना तुलसी के पत्तों से बनी चाय या जूस पीना चाहिए।

मुलेठी

वैसे तो मुलेठी का सेवन गले को ठीक करने के लिए किया जाता है लेकिन ये पेट से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है। इतना ही नहीं मुलेठी लिवर से संबंधित समस्याओं को भी दूर करती है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और ग्लिसराइजिक एसिड मौजूद होता है जो हमारे शरीर की इम्युनिटी को तेजी से बढ़ाता है। ऐसे में लिवर से संबंधित मरीजों के लिए मुलेठी का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित होगा।

त्रिफला

त्रिफला भी एक बेहद ही चमत्कारी और शक्तिशाली आयुर्वेद जड़ी-बूटी मानी जाती है। इसके औषधीय गुण लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं। लिवर की बीमारी से ग्रसित मरीज रोजाना रात में एक गिलास पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला का सेवन लिवर डैमेज को कम करने का काम करता है।

पिप्पली

पिप्पली का उपयोग भी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। ये कई बड़ी बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित होती है। लिवर से जुड़ी बीमारियों में आराम पाने के लिए पिप्पली का सेवन किया जाता है। पिप्पली में पिपरिन, ग्लूकोसाइड्स और पिपलार्टिन मौजूद होता है, जो हमारे लिवर को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही ये इम्युनिटी को भी बेहतर बनाता है।

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