क्या आपको भी हर समय डर और घबराहट सी रहती है? जानिए इससे छुटकारे के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में!
क्या आपने कभी एकाएक डर और घबराहट महसूस की है? किसी बात की चिंता या विचार से कभी आपने ऐसा महसूस किया हो? संभव है कि कुछ दिनों या सप्ताह के लिए आप इस समस्या से गुजरे हो या फिर अगर आप ऐसे किसी अनुभव से नहीं गुजरे हैं, तो यह अच्छी बात है।
आज के समय में शारीरिक के साथ मानसिक विकार बहुत आम होता जा रहा है। भागदौड़ भरी जिन्दगी, आर्थिक समस्या, तनाव, चिंता आदि कारणों से मन से जुड़े विकार बढ़ रहे हैं। मानसिक विकार किसी को भी हो सकते हैं, ये विकार शारीरिक समस्याओं के भी कारण बनते हैं। ऐसी ही एक समस्या का नाम है व्यक्ति को हर समय डर एवं घबराहट रहना।
सामान्य शब्दों में हर समय डर एवं घबराहट रहना एंग्जाइटी का लक्षण है। आज के इस आर्टिकल में हम हर समय डर एवं घबराहट के कारणों, लक्षणों और इससे छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानेंगे।
हर समय डर और घबराहट क्यों होती है?
हर समय डर और घबराहट को एंग्जायटी डिसऑर्डर कहा जाता है, यह एक मानसिक बीमारी है, जिसमें मरीज को बेचैनी के साथ घबराहट, चिंता, डर और नकारात्मक विचार आते हैं। यदि समय रहते इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो यह गंभीर हो सकता है।
एंग्जाइटी के लक्षण क्या होते हैं?
एंग्जाइटी के लक्षण निम्नलिखित है:-
- हर समय बेचैनी
- घबराहट
- नींद नहीं आना
- सांस लेने में तकलीफ
- काम में मन न लगना
- अचानक दिल की धड़कन बढ़ना
- नकारात्मक विचार आना
- थकान और कमजोरी
- जी मिचलाना
- पाचन से जुड़ी समस्या
- चक्कर आना
- अधिक पसीना आना
- हाथ-पैर का ठंडा होना
- हाथ-पैरों में सुन्न या झुनझुनाहट
- स्थिर से बैठने में समस्या
एंग्जायटी के कारण क्या है?
एंग्जायटी या हर समय डर और घबराहट महसूस होने के कारण निम्नलिखित हैं।
तनाव और चिंता: बहुत अधिक तनाव या चिंता करना हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बूरा प्रभाव डालता है, जिससे भी डर और घबराहट हो सकती है
डिप्रेशन: अवसाद या डिप्रेशन भी डर और घबराहट का कारण है। डिप्रेशन में व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो जाता है, और उसे हर समय नकारात्मक विचार आते हैं।
फोबिया: कुछ विशेष परिस्थितियों या वस्तुओं का डर (फोबिया) भी हर समय घबराहट का कारण हो सकता है। एंग्जायटी में यह समस्या आम है, जैसे मृत्यु का डर आदि।
व्यक्तिगत समस्याएं: व्यक्तिगत या परिवार की समस्याएं भी चिंता और डर का कारण बनती हैं।
शारीरिक कारण: कुछ शारीरिक समस्याएं जैसे थायरॉयड डिसऑर्डर, हॉर्मोनल असंतुलन, या अन्य चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी व्यक्ति एंग्जायटी का शिकार हो जाता है।
आहार और जीवनशैली: अस्वस्थ आहार, अपर्याप्त नींद, और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण भी एंग्जायटी की समस्या देखने को मिलती है।
नशीली दवाओं का सेवन: शराब, धूम्रपान, या अन्य नशीली दवाओं का सेवन भी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
एंग्जायटी से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय क्या है?
एंग्जायटी से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद में कई उपाय बताए गए हैं। यहां हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं, जो एंग्जायटी से छुटकारा पाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
अश्वगंधा: अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो तनाव और एंग्जायटी को कम करने में मदद करती है। इसे रोजाना सेवन करने से मानसिक शांति मिलती है।
ब्रह्मी: ब्रह्मी मस्तिष्क की कार्य प्रणाली बेहतर बनाने के लिए जानी जाती है। यह तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है।
जटामांसी: जटामांसी एक प्राकृतिक शामक है, जो मानसिक तनाव और एंग्जायटी को कम करने में मदद करती है। इसका सेवन करने से नींद भी अच्छी आती है।
च्यवनप्राश: च्यवनप्राश में कई जड़ी-बूटियाँ होती हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारती हैं।
तुलसी: तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मानसिक शांति मिलती है, और एंग्जायटी कम होती है।
शिरोधारा: शिरोधारा एक आयुर्वेदिक उपचार है, जिसमें माथे पर धीरे-धीरे तेल डाला जाता है। यह उपचार मानसिक शांति और तनाव में राहत प्रदान करता है।
अरोमाथेरेपी: लैवेंडर, चंदन, और अन्य सुगंधित तेलों का उपयोग करने से मन शांत होता है, और एंग्जायटी में कमी आती है।
अच्छी नींद: पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
संतुलित आहार: आयुर्वेद में आहार का महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। ताजे फल, सब्जियाँ, और संतुलित आहार का सेवन करने से भी मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
योग और प्राणायाम: नियमित योग और प्राणायाम का अभ्यास करने से मानसिक तनाव और एंग्जायटी में कमी आती है। विशेष रूप से अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, और शवासन बहुत प्रभावी होते हैं।
इन उपायों को अपनाने से एंग्जायटी से राहत मिल सकती है, हालांकि इन उपायों को अपनाने से पूर्व आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।