नसों में जम गए हैं खून के थक्के, आज ही अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय
आज के समय में लोगों की ख़राब लाइफस्टाइल और खानपान ने उन्हें कई बीमारियों से घेर लिया है। इसके कारण वजन और मोटापा दोनों बढ़ने लगते हैं जो आपके शरीर में कई समस्याएं पैदा करते हैं। बात जब स्वास्थ्य और फिटनेस की आती है, तो अक्सर हम जो भी खाते हैं, उसी के साथ रहते हैं और ये नहीं ध्यान देते कि हम कैसे खा रहे हैं। ऐसे में कई बार ये गलत खानपान ही शरीर में बीमारियों को प्रवेश करने देता है। कई बीमारियों को तो इतने पैसे खर्च करने के बाद भी पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। इन बीमारियों को बस कंट्रोल में ही रखा जा सकता है, जैसे- डायबिटीज़, मोटापा और बीपी। लेकिन इन दिनों हर दूसरे व्यक्ति को एक और समस्या जकड़ रही है और उसका नाम है ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का। वैसे तो खून का थक्का बनना या ब्लड क्लॉटिंग हमारे शरीर के लिए वैसे तो फायदेमंद होता है। लेकिन यदि ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में बननी शुरू हो जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकती है। अगर आप भी इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं और डॉक्टर की मंहगी फीस और दवाइयों में अब और ज्यादा पैसे नहीं खर्च करना चाहते, तो चिंता मत कीजिए, क्योंकि हम आपको आज ब्लड क्लॉट के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बता रहे हैं। जी हां, आयुर्वेद में हर बीमारी का सटीक इलाज मौजूद है। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में जो हेल्थ टिप्स दे रहे हैं, उन्हें आप आज से ही फॉलो करना शुरू कर दें। हमारे शरीर में रक्त वाहिनियों के जरिए खून दिल तक पहुंचता है और साथ ही ये पंपिंग के जरिए साफ होते हुए शरीर के अन्य अंगों तक पहुँचता है। इसी बहते खून में कभी-कभी क्लॉट यानी थक्का बन जाता है। लेकिन जब ये खून के थक्के लंबे समय तक बने रहते हैं तो ये सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। यदि लंबे समय तक इन ब्लड क्लॉट्स का इलाज नहीं किया जाए तो ये थक्के धमनियों या नसों में चले जाते हैं और फिर ये शरीर के किसी भी हिस्से जैसे आंख, दिल, दिमाग, फेफड़े और किडनी आदि में पहुंच उन अंगों के काम को बाधित कर देते हैं। वैसे तो खून के थक्के जमना कई बार शरीर के लिए अच्छा भी रहता है। दरअसल, जब अपने आप ब्लड क्लॉट बनते हैं तो ये क्षतिग्रस्त नलिकाओं की मरम्मत करने का भी काम करते हैं। यदि ये थक्के ना बने तो चोट लगने पर शरीर में खून का बहाव रोकना बहुत ही मुश्किल हो जायेगा। शरीर में मौजूद प्लाज्मा में कई प्लेटलेट्स और प्रोटीन होते हैं जो चोट की जगह पर रक्त के थक्के निर्माण करते हैं और खून बहने से रोकते हैं। लेकिन जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने लगती है तो खतरनाक साबित हो सकती है। इस तरह का खून का थक्का हमेशा ही अपने आप या प्राकृतिक रूप से घुलकर वापस खून में परिवर्तित नहीं होता। आमतौर पर ब्लड क्लॉट दो प्रकार के होते हैं। पहला जिसमें लगातार खून बहता है और उस जगह के खून के थक्के नहीं जमते हैं और दूसरा अप्रत्याशित तरीके से खून का थक्का जमने लगना जिसे थ्रॉम्बोसिस भी कहते हैं। ये समस्या नसों में हो सकती है। कई बार ये खून के थक्के रक्त वाहिकाओं को भी ब्लॉक कर सकते हैं, जिसके कारण शरीर में गंभीर परेशानी उत्पन्न हो सकती है। जब ब्लड क्लॉटिंग ब्रेन में होती है तो इसे ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं। इसके कारण सिर में अचानक से बेहद तेज दर्द होता है। जब भी कभी हाथ या पैर में कोई चोट लग जाती या किसी चीज से टकरा जाते हैं तो स्किन में ब्लड जमा हो जाता है। फिर उस जगह पर हल्की सी सूजन आ जाती है और ब्लड जमने से डार्क ब्राउन कलर हो जाता है। इस ब्लड क्लॉट को नजरअंदाज न करें क्योंकि ये आपके दिल या लंग्स तक पहुंचकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार खून के थक्के हार्ट तक पहुँच जाते हैं। ऐसे में सीने में तेज दर्द होता है, पसीना आने लगता है और साथ ही सांस लेने में तकलीफ होती है। ये सभी हार्ट में ब्लॉक के लक्षण होते हैं। इससे हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है। हाथ-पैर में होने वाले सामान्य क्लॉट कई बार पूरी बॉडी में ट्रेवल करके लंग्स तक पहुँच सकते हैं। साथ ही पेट में इंटेस्टाइन से ब्लड ड्रेन करने वाली नर्वस से भी क्लॉट हो सकते हैं, जो शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे में यदि पेट में लगातार दर्द होता है, तो एक बार जांच जरूर करवा लें। जी हां, दरअसल, की बार ब्लड क्लॉट साइलेंट किलर का काम करता है। ये शरीर में ऐसी गंभीर मेडिकल कंडीशन पैदा कर देता है, जिसके कारण व्यक्ति डर-सा जाता है। कई बार धूम्रपान, शराब का सेवन, तंबाकू का सेवन, हाई ब्लड प्रेशर और एस्ट्रोजन जैसी कुछ दवाएं खून जमने के जोखिम को बढ़ा देती है। यदि ब्लड क्लॉट के लक्षणों को पहले ही पहचान लिया जाए तो व्यक्ति की जान जाने से बच सकती है। आयुर्वेद में हर बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज बताया गया है। इसी तरह ब्लड क्लॉट की समस्या का भी इलाज आयुर्वेद के पास मौजूद है। भले ही आयुर्वेदिक चिकित्सा को असर करने में समय लगता है लेकिन यह लंबे समय तक प्रभावी रहती है। साथ ही इससे शरीर में कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होते हैं। तो चलिए जानते हैं ब्लड क्लॉट के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में।
ब्लड क्लॉट क्या होता है?
कितने प्रकार के होते हैं ब्लड क्लॉट?
हाथ या पैर में क्लॉट
हार्ट में क्लॉट
अन्य क्लॉट
क्या ब्लड क्लॉट होने से जा सकती है जान?
ब्लड क्लॉट के लक्षण क्या हैं?
ब्लड क्लॉट का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?