क्या घुटनों के दर्द ने कर दिया है जीना मुश्किल? आयुर्वेद की मदद से आप हो सकते हैं दर्द मुक्त
एक समय था जब इंसान 65 से 70 साल की उम्र तक आते-आते बीमारियां का शिकार होता था, क्योंकि तब लोग बिना मिलावट वाला भोजन करते थे। साथ ही पुराने समय में आयुर्वेदिक इलाज व्यक्ति का सहारा बनता था। आयुर्वेदिक इलाज की मदद से लोग जल्द ही स्वस्थ हो जाते थे। एक बार आयुर्वेदिक इलाज पूरा हो जाने के बाद फिर कभी बीमारी वापस लौटने का नाम नहीं लेती थी। लेकिन इन दिनों तो नौजवान लोग भी आम बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। सबसे ज्यादा अगर किसी बीमारी की चर्चा होती है तो वो है घुटनों का दर्द। घुटने का दर्द या नी पेन काफी कॉमन प्रॉब्लम है, जो आज के समय में किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। खासतौर से गृहणियों में घुटनों का दर्द आम समस्या बन गई है। ऐसे में वह अपने दर्द से निजात पाने के लिए कई तरह के उपचार ढूंढती हैं। लेकिन आप शायद ये बात नहीं जानते होंगे कि अब घुटनों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज भी संभव है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को क्यों होता है घुटनों में ज्यादा दर्द?
40 से अधिक उम्र लोगों में तो घुटनों के दर्द की समस्या इन दिनों बहुत आम हो गई है। वैसे तो ये बीमारी पुरुष और महिलाएं दोनों में देखी जाती है लेकिन ज्यादातर महिलाएं ही घुटनों के दर्द का शिकार हैं। दरअसल, महिलाओं की शारीरिक संरचना की वजह से उन्हें ज्यादा घुटनों का दर्द रहता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, महिलाओं के जॉइंट्स की मूवमेंट ज्यादा रहती है। इस वजह से उनके उनके लिगामेंट्स अधिक लचीले होते हैं। वह जितना ज्यादा मूवमेंट करती हैं उतना दर्द बढ़ता जाता है।
घुटने में दर्द के क्या कारण हैं?
वैसे तो घुटनो में दर्द की समस्या हर दूसरे व्यक्ति को होने लगी है। लेकिन इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं। बढ़ती उम्र के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होना, घुटने कमजोर होना, घुटनों, मांसपेशियों और नसों में सूजन होना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, लिगामेंट और टेंडन से अधिक काम कराया जाना, घुटनों पर शरीर का वजन आना, चोट लगना आदि घुटनों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। घुटनों में दर्द के कारण चलने-फिरने, उठने-बैठने से लेकर दिनभर के सभी जरुरी काम करने तक में तकलीफ होती है। इंसान मजबूर सा हो जाता है। वह कहीं आने-जाने के पहले भी सोच में पड़ जाता है।
घुटने के दर्द के क्या लक्षण हैं?
घुटनों के दर्द के लक्षण अलग-अलग तरह के होते हैं। किसी को आसानी से लक्षण समझ आ जाते हैं और कुछ लोग महीनों गुजर जाने पर भी नहीं समझ पाते। हम आपको आज घुटनों के दर्द के सामान्य लक्षण बता रहे हैं। यदि आपको भी ये लक्षण काफी समय तक नजर आए, तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- सूजन और जकड़न
- घुटने का लाल होना
- घुटने का गर्म होना
- घुटने में कमजोरी महसूस होना
- चलने में घुटने से बैलेंस न बनना
- घुटने को पूरी तरह से सीधा करने में मुश्किल होना
- घुटना मोड़ने में दर्द होना
कहीं आपकी ख़राब लाइफस्टाइल तो नहीं बन रही बीमारियों का घर?
आज के समय में ख़राब लाइफस्टाइल के कारण भी कम उम्र में घुटनों का दर्द होना शुरू हो गया है। इससे ना सिर्फ घुटने का दर्द बल्कि और भी कई नई-नई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। जब कुछ घुटने की मांसपेशियां दूसरी मांसपेशियों की अपेक्षा ज्यादा काम करती हैं, तो घुटने पर जोर आता है। ऐसे में असंतुलन के कारण घुटनों में दर्द होना शुरू हो जाता है। इसके अलावा घुटनों में दर्द गठिया, एसीएल टूटना, फ्रैक्चर होना, आर्थराइटिस, बर्साइटिस, बैठने के गलत तरीके के कारण भी होता है।
व्यायाम करना जरूरी
घुटनों के दर्द से यदि बचे रहना है तो आपको शरीर को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना जरूरी है। आप चाहे तो घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए स्विमिंग और साइकिलिंग भी कर सकते हैं। यह आपको घुटनों के दर्द से राहत दे सकती है।
ज्यादा वजन भी नुकसानदायक
शरीर के अधिक वजन के कारण सबसे ज्यादा असर घुटनों पर पड़ता है, क्योंकि आपके घुटने ही पूरा वजन झेलते हैं। चलने-फिरने, उठने-बैठने में वही आपकी मदद करते हैं। ऐसे में आपको वजन को कंट्रोल में करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप एक्सरसाइज, जिम, व्यायाम आदि कर सेक्टर हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा व्यायाम से भी जोड़ों में दर्द होने लगता है। ऐसे में सब कुछ लिमिट में करें।
शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी
कई बार शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी होने लगती है और घुटनों का दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए आप डाइट का खास ख्याल रखें। आप अपनी डाइट में रोजाना कैल्शियम और प्रोटीन को शामिल करें, खूब सारी हरी पत्तेदार सब्जियां, गोभी और ब्रोकली खाएं,संतरा, स्ट्रॉबेरी और चेरी जैसे विटामिन सी वाले फल खाएं, ढेर सारे नट्स खाएं, अदरक और हल्दी का का सेवन करें। इन सबसे आपको घुटनों के दर्द से राहत मिल सकती है।
घुटनों के दर्द से पीड़ित लोग क्या खाएं?
अचार, मिर्च-मसाले, इमली, अमचूर, सेम की फली, अरबी, आलू, गोभी, मोठ, मक्का, बेसन, सूखी सब्जियां, दही, फ्रिज का पानी, मूली न खाएं।
घुटनों के दर्द से पीड़ित लोग क्या ना खाएं?
बाजरा, मूंग, तिल, मेथी, परवल, बैंगन, एलोविरा, टिंडा, कच्ची हलदी, लौकी, गाजर, कच्चा लहसुन खाएं।
क्या घुटनों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज संभव है?
जोड़ो में यानी आस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण में वजन कम करने, फिजियोथैरेपी और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। कई बार अगर इससे राहत नहीं मिलती तो दवाइयां दी जाती हैं। फिर भी यदि दर्द से छुटकारा नहीं मिलता तो डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन यानी पीआरपी (प्लेटलेट रिच प्लाज्मा) दिया जाता है। बीमारी जटिल हो जाने पर ऑपरेशन कर दिया जाता है। आमतौर पर ज्यादातर डॉक्टर ऑपरेशन की ही सलाह देते हैं। लेकिन आप ऑपरेशन किये बिना भी घुटनों का दर्द काफी हद तक बंद कर सकते हैं। इसके लिए कई आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू इलाज भी हैं। जी हां, अब घुटनों के दर्द का आयुर्वेद इलाज भी संभव है।
शहद-दालचीनी का लेप
यदि डॉक्टर आपके घुटनों को बदलने को कह दें तो आप आयुर्वेदिक लेप लगाएं। इसके लिए आप एक चम्मच शहद, एक चम्मच दालचीनी पाउडर, खाने वाला चूना आधा चम्मच लें और इन सबको मिक्स करके पेस्ट बना लें। फिर आप इसे घुटनों पर लगाएं और ऊपर से कपड़ा या बैंडेज लगा लें। इसे आठ-दस घंटों तक रहने दें।
अरंड व मेहंदी के पत्ते का लेप
अरंड व मेहंदी के पत्ते भी घुटनों के दर्द को दूर करने के काम आ सकते हैं। इसके लिए आप अरंड व मेहंदी के पत्तों को पीसकर घुटनों पर लेप करने से भी दर्द में आराम मिलता है। ये लेप बनाने में भी काफी आसान है।
इसके अलावा भी घुटनों के दर्द से निजाद पाने के लिए देश में कई संस्थाएं आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करती हैं। इन्हीं में से एक संस्था है श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान। यह संस्थान राजस्थान के भीलवाड़ा में स्थित है। जो हर तरह की बीमारियों का आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करता है।