कैंसर हैं या नहीं , निर्णय कैसे लें।
कैंसर का ईलाज जितनी जल्दी शुरू करते हैं, उतना ही नतीजा बेहतर होता है। हकीकत यह है कि कई डॉक्टर भी इस तथ्य को जल्दी स्वीकार करने से डरते हैं कि मरीज को कैंसर होने की आशंका के बारे में कैसे बताएं इसलिए वे तमाम दवा देकर देख लेते हैं, लेकिन कैंसर के टेस्ट के लिए नहीं कहते। जबकि ऐसे तमाम उदाहरण हैं जब -लगातार खांसी, मुंह के छाले, दांतों से लगातार खून आना, ये भी ओरल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं और नहीं भी। पेशाब में खून
आना प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है। कई बार किडनी में स्टोन की वजह से भी पेशाब में खून आता हैं। शरीर में गांठ जो तेजी से बढ़ रही हो। यहां इस बात का ध्यान रखें कि अमूमन जिन गांठों में दर्द हो, शुरूआत में उनमें कैंसर सेल्स के होने की आशंका कम रहती है। अगर दर्द न हो तो आशंका बढ़ जाती हैं। जैसे अगर किसी महिला के ब्रेस्ट में गांठ है और दर्द भी है तो ऐसा अमूमन हॉर्मोन की परेशानी से ऐसा होता हैं। तेजी से वजन कम होना कैंसर का सबसे विशेष लक्षण है। अगर किसी का वजन 3 महीने में 10 किलो कम हो जाए तो उसे जरूर जांच करानी चाहिए। वैसे ध्यान देने वाली बात यह है कि शुगर और टीवी के मामले में भी कई बार अचानक वजन कम होता हैं। स्प्लीन (पेट में मौजूद इस अंग के कई सारे काम हैं, लेकिन सबसे अहम काम है शरीर की सुरक्षा में भूमिका निभाना) और लिंफनोड (यह शरीर के इम्यून सिस्टम का अहम भाग है। शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वाइरस से लड़ने में मदद करता है)। जाड़े में भी रात में पसीना आता है सचेत हो जांए। हालांकि ऐसा दिल के मरीजों के साथ भी होता हैं। अगर किसी महिला को अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय बार-बार ब्लीडिंग हो तो डॉ. से जरूर मिल लें। वैसे, जिस महिला ने किसी के साथ फिजिकल रिलेशन नहीं बनाए हैं, उसमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा न के बराबर होता हैं। अगर कोई शारीरिक परेशानी हो रही है और वह बार-बार हो तो यह कतई जरूरी नहीं वह कैंसर हैं। वह कोई दूसरी छोटी-मोटी बीमारी भी हो सकती है। फिर भी सतर्कता जरूरी है।