आयुर्वेदिक औषधियों के प्रकार, गुण और उनके लाभ

सर्दी के इस मौसम में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कमजोर इम्युनिटी वाले लोग मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम और कई अन्य बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए लोगों को विशेष स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस मौसम में सभी लोगों को अपने खान-पान पर खास ध्यान देने की जरूरत है। काढ़े, औषधि और कई प्रकार की जड़ी-बूटियों का सेवन शरीर को आंतरिक गर्मी प्रदान कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
इसके अलावा किसी भी आहार, योग और किसी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन अपने अनुसार नहीं करना चाहिए। इसके लिए आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। कई संस्थाएं आयुर्वेदिक तरीके से इसका इलाज कर रही हैं और लोग उनकी दवाओं से ठीक भी हो रहे हैं। ऐसी ही एक संस्था है नवग्रह आश्रम। भीलवाड़ा जिले के रायला गांव के पास मोती बोर का खेड़ा स्थित नवग्रह आश्रम कैंसर सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
1. बिजोरा नींबू
बिजोड़ा नींबू का पेड़ सामान्य नींबू के पेड़ के समान होता है। इसकी शाखाएं पतली और आपस में गुंथी हुई होती हैं। पत्तियाँ थोड़ी लंबी,चौड़ी और रंग हरा होता है। इसके पत्ते, फल, फूल और छाल का व्यापक रूप से चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। बिजोरा फल का छिलका बहुत खुरदरा होता है। आप इसकी तुलना संतरे और साइट्रस की आंतरिक कला से आसानी से कर सकते हैं।
इसके पके बीज स्वाद में मीठे और खट्टे, गर्म, पचने में आसान, स्वादिष्ट, सुपाच्य और स्वादिष्ट, जीभ, गले और हृदय को शुद्ध और स्फूर्तिदायक होते हैं। यह अपच, कब्ज, सांस की तकलीफ, पेट फूलना, खांसी, एनोरेक्सिया और पेट के दर्द को ठीक करता है। साथ ही बिजोरा के बीज स्वाद में कड़वे, गर्म, पाचन में भारी, उपजाऊ और स्फूर्तिदायक होते हैं।
→नींबू बिजौरा का औषधीय गुण पेट के कीड़ों को दूर करने में बहुत अच्छा काम करता है।
→बिजौरा नींबू के बीज का चूर्ण 5-10 ग्राम गर्म पानी के साथ देने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। ऐसा होता है।
→फलों के छिलकों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से पेट के कीड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
2. बेर (छोटा एप्पल)
कच्चे हरे रंग का फल बेर, शरीर में कॉपर की कमी से हड्डी संबंधी समस्या और खासकर कमजोर हड्डियों को ठीक करने में कारगर है। साथ ही बेर में कैल्शियम और फास्फोरस भी होते हैं जो हड्डियों के निर्माण और स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है।
बेर के स्वास्थ्य परीक्षण में पाया गया है कि बेरी के अर्क में कई गुण होते हैं जो शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ा सकते हैं। साथ ही इसमें पाया जाने वाला नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त प्रवाह और रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। इसके लिए आप सूखे या ताजे बेरी दोनों तरह से खा सकते हैं।
सर्दियों में रोजाना बेर का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। दरअसल, बेर में विटामिन सी के अलावा विटामिन बी12 और विटामिन ए भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं।
3. अश्वगंधा
क्या आप जानते हैं कि अश्वगंधा का इस्तेमाल मोटापा कम करने और ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा अश्वगंधा के और भी फायदे हैं।
- शरीर का तनाव कम करें – शरीर के तनाव को कम करने के लिए अश्वगंधा काफी कारगर औषधि मानी जाती है।
- गठिया के लक्षणों से राहत – अश्वगंधा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक दोनों गुण होते हैं, जो गठिया के लक्षणों से निपटने में काफी मदद कर सकते हैं।
- दिल को रखें स्वस्थ – अश्वगंधा के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जो हाई बीपी और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
- अश्वगंधा का नियमित रूप से सेवन करने से दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
- मधुमेह के लक्षणों को कम करें – कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि अश्वगंधा इंसुलिन उत्पादन की प्रक्रिया में सुधार करता है, जिससे रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
- कैंसर की रोकथाम में मदद – अश्वगंधा पर कुछ अध्ययन किए गए, जिसमें यह पाया गया कि अश्वगंधा में विथफेरिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है।
पाठक अधिक जानकारी के लिए श्री नवग्रह आश्रम, मोती बोर का खेड़ा, रायला, जिला भीलवाड़ा सम्पर्क कर सकते हैं। श्री नवग्रह आश्रम आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर उपचार की अग्रणी संस्था है। श्री नवग्रह आश्रम अब तक विभिन्न बीमारियों के 55 हज़ार से अधिक रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ठीक कर चुका है।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें +91 84484 49569