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कैंसर अवेरनेस प्रोग्राम- मुँह,गले और गर्दन का कैंसर

सिर और गर्दन के कैंसर के मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अनुसार, पिछले बीस वर्षों के दौरान युवाओं और किशोरों में सिर और गर्दन के कैंसर की संख्या में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में भी हर साल इस कैंसर के 12 से 18 लाख नए मामले हर साल सामने आते हैं। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं। यदि सिर, मुँह और गर्दन में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं, तो इसे सिर,मुँह और गर्दन का कैंसर कहा जाता है। कैंसर के शुरूआती लक्षण में ही आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। कई संस्थाएं आयुर्वेदिक तरीके से इसका इलाज कर रही हैं और लोग उनकी दवाओं से ठीक भी हो रहे हैं। ऐसी ही एक संस्था है नवग्रह आश्रम। भीलवाड़ा जिले के रायला गांव के पास मोती बोर का खेड़ा स्थित नवग्रह आश्रम कैंसर सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

मुँह और गर्दन में कैंसर शुरू होने के प्रारम्भिक लक्षण

मुंह और गर्दन के कैंसर मुख्य रूप से व्यक्ति की जीवन शैली की गतिविधियों के कारण विभिन्न कार्सिनोजेन्स के संपर्क में आने के कारण होते हैं। तंबाकू और इसके पदार्थों के सेवन से करीब 85 प्रतिशत मरीज इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं। तंबाकू का सेवन तुरंत बंद करने से इन दोनों जगहों पर कैंसर से बचा जा सकता है। मुंह और गर्दन के कैंसर के अन्य कारणों में शराब पीना, सुपारी या कत्था खाना, खराब मौखिक स्वच्छता शामिल हैं। यदि प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का पता चल जाता है, तो उपचार के परिणाम बहुत अच्छे होते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से भारत में इस बीमारी के इलाज के नतीजे सुखद नहीं हैं। इसका कारण यह है कि मरीज एडवांस स्टेज में अस्पताल पहुंचता है।

मुंह का कैंसर आमतौर पर मुंह में एक असामान्य गांठ के रूप में शुरू होता है, लेकिन अक्सर कुछ घाव तीन सप्ताह तक दिखाई नहीं दे सकते हैं, जो मुंह के कैंसर का प्रारंभिक संकेत भी हो सकता है। इससे मुंह में दर्द या परेशानी हो सकती है। इसके अलावा मुंह में सफेद या लाल धब्बे भी कैंसर की शुरुआत का संकेत हो सकते हैं। इन घावों को ल्यूकोपेनिया या एरिथ्रोप्लाकिया कहा जाता है। शुरूआती लक्षण कुछ आगे लिखे हुए हैं-

→ गले में खराश या अल्सर जो 14 दिनों के भीतर ठीक नहीं हो।
→मुंह के लाल, सफेद या काले रंग के धब्बे गाल,मसूड़े की ओर दिखाई देना।
→कोई गांठ या सख्त जगह जो सामान्य नहीं है, आमतौर पर जीभ की सीमा पर।
→ त्वचा की सामान्य सतह से ऊपर उठा हुआ कोई भी गांठ या सख्त ऊतक।
→ जबड़े में छाला या उभार जो दंत चिकित्सा से भी ठीक नहीं हो।
→नकली दांत के नीचे घाव होना।
→ गर्दन के बाहर दो सप्ताह से अधिक समय तक दर्द रहित, सख्त गांठ महसूस करना।
→गले में खराश जो कभी ठीक नहीं होती।
→लगातार खांसी जो ठीक नहीं हो रही है।
→लंबे समय तक बने रहने वाले भोजन को निगलने में कठिनाई या दर्द।
→आवाज बदलना या कम होना
→कान का दर्द (एकतरफा) जो कई दिनों तक बना रहता है।

गले के कैंसर शुरू होने के शुरूआती लक्षण

→लंबे समय तक आवाज में बदलाव या आवाज में भारीपन।
→भोजन निगलने में कठिनाई।
→तेजी से वजन घटाने।
→लंबे समय तक गले में खराश।
→कफ के साथ खून बहना।
→गर्दन में सूजन और दर्द बना रहना।
→लंबे समय तक कान में दर्द।

कैंसर दूर करने में क्या बचाव और सावधानियाँ आवश्यक हैं ?

तंबाकू या धूम्रपान तुरंत छोड़ दें। तंबाकू में 18 ऐसे घातक रसायन होते हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं। तंबाकू में 4000 से अधिक जहरीले रसायन होते हैं। तंबाकू में ऐसा कोई तत्व नहीं है जो मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो। कैंसर के बारे में सम्पूर्ण रूप से जानकारी लेने के लिए पाठक श्री नवग्रह आश्रम, मोती बोर का खेड़ा, रायला, जिला भीलवाड़ा सम्पर्क कर सकते हैं। श्री नवग्रह आश्रम आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर उपचार की अग्रणी संस्था है। श्री नवग्रह आश्रम अब तक विभिन्न बीमारियों के 55 हज़ार से अधिक रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ठीक कर चुका है।

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